दीप मन का !
दीप मन का !
प्रज्वलित कर लो
दीप मन का
हो जाएगा रोशन
सारा जहां
लौ से लौ मिलाकर
चलो तुम
हो जाएगी तुम्हारी
आसान डगर
तब आएगी नज़र
सामने मंजिल भी
अपने आप
चमक उठेगा हर चेहरा
दुबक जाएगा तम सारा
उजला हो जाएगा परिवेश !
प्रज्वलित कर लो
दीप मन का
हो जाएगा रोशन
सारा जहां
लौ से लौ मिलाकर
चलो तुम
हो जाएगी तुम्हारी
आसान डगर
तब आएगी नज़र
सामने मंजिल भी
अपने आप
चमक उठेगा हर चेहरा
दुबक जाएगा तम सारा
उजला हो जाएगा परिवेश !