धूसर रंग भए जीवन के
धूसर रंग भए जीवन के
धुल जाए जीवन बेरंग,रंग ऐसे भरो ।
यो छुटे ईर्ष्या का जंग,रंग ऐसे भरो।
ना जातपात, पिये पानी घाट घाट ।
हो शेर सियार के संग,रंग ऐसे भरो।
जोश वतन के लिये न पतन के लिये।
कोई ना करे हुडदंग, रंग ऐसे भरो ।
प्रेम नित नव, हीरे सा निखर जाये ।
हो सबके दिल मे उमंग,रंग ऐसे भरो।
ना हो अवसाद,भुले बिसरे हो याद ।
जैसे खिला हो चमन,रंग ऐसे भरो ।