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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

" धरोहर "

" धरोहर "

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हम नये 

सपने सजाते हैं,

नये भवनों 

को बनाते हैं ,

गांवों को छोड़ के शहरों का 

रुख करते हैं ,

प्रतिस्प्रधा के दौड़ 

में ज़द्दोज़हद करते हैं !

हर कोई 

चाहता है इतिहास 

पीछे रह जाये,

बीते हुए लम्हों 

को 

व्यर्थ क्यों हम दुहरायें ?

मिली है 

आज़ादी पूर्वजों की 

कुर्बानियों से 

उसे हम कैसे भुलाएँ ?

हम क्यों न 

नयी दुनियाँ बसायें ?

संसार में अपना नाम कमायें ?

पर वही 

हे श्रेष्ठ मानव

जो नहीं भूले 'धरोहर' !



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