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pawan punyanand

Inspirational

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pawan punyanand

Inspirational

धर्म

धर्म

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शीशे के कुछ रंगीन टुकड़े,

बारी-बारी से ,

अपने आँखों पे लगा,

वो देख रहा था।

मुझे अपनी ओर,

गौर से देखते हुए,

वो हँसा बोला,

क्या देख रहा हूँ,

समझे आप?

मैं केवल मुस्काया,

वो बोला फिर मुझे,

आप भी लगा देख लो,

सच कहता हूँ,

केवल शीशे का फर्क है,

बिना शीशे के सारी,

दुनिया रंगबिरंगी,

ज्यादा सुंदर ,

ज्यादा प्यारी।

क्यों देखते,

फिर तुम सभी,

अपने पसंद के ,

रंगीन शीशों से,

मुझे उसकी बात गहरी लगी,

जो हम बड़े होकर ना,

समझे,

उस बच्चे ने बता दिया।



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