धर्म में कट्टरता का कोई स्थान नहीं
धर्म में कट्टरता का कोई स्थान नहीं
धर्म में कट्टरता का कोई स्थान नहीं है।
हर धर्म के लोगों को प्यार से रहना है।
क्योंकि हम सब हैं एक ईश्वर की संतान।
किसी को क्यों करना है हिंदू मुसलमान।
जब ईश्वर ने इंसान को एक जैसा बनाया।
इंसानों ने धर्म का यह बंटवारा क्यों कराया।
धर्म और जाति के नाम पर क्यों है लड़ना।
एक दूसरे की जान के पीछे क्यों है पड़ना।
ईश्वर, अल्लाह, रब और ईसा मसीह हैं एक।
परमशक्ति वह एक ही है, बस रूप हैं अनेक।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई।
खड़े हो जाते हैं मिलकर, जब मुसीबत आई।
हर खुशी और हर त्योहार सब मिलकर मनाओ।
"एकता और अखंडवाद की जय" नारा लगाओ।