STORYMIRROR

chandraprabha kumar

Action Inspirational

4  

chandraprabha kumar

Action Inspirational

देवी दुर्गा

देवी दुर्गा

1 min
359

आदिशक्ति जगजननी

मुक्तिभुक्तिदायिनी

गिरिराजनन्दिनी !

क्षमामयी क्षेममयी

करुणामयी प्रेममयी ,

पुण्यमयी भासमयी

हासमयी विलासमयी।

वैभवशालिनी शरणदायिनी

कल्याणमयी स्नेहमयी

महामाया सर्वजगन्मयि ।


उग्र तप से पाया

शिव को पति रूप में, 

उनकी प्रिया बनीं

अर्द्धांगिनी बनीं।

अर्द्धनारीश्वर रूप हुआ शिव का

बिन अर्द्धांग रहें अधूरे ही।

शक्ति के बिना 

शिव शिव नहीं। 


क्रोधमयी चंडिका को

शान्त करने हेतु

शिव उनके चरणों में

होते विराजमान्। 

देवी भुवनमनमोहिनी

त्रैलोक्यवन्दिता

शिवार्चनरता नित्यं

रुद्राणी रुद्रवल्लभा

सदाशिवांकमारूढ़ा

इच्छाशक्तिस्वरूपा ।


आयु का क्षण क्षण 

रक्त का कण कण ,

समर्पित है देवी मॉं को

अभिनन्दन अभिवादन

प्रणिपात है दुर्गा मॉं को।

मंगलमयी सर्वमंगला

मंगलदायिनी की जय हो,

विश्वेश्वरप्रिया की जय हो। 


 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action