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Raj Kumar Indresh

Tragedy

4.8  

Raj Kumar Indresh

Tragedy

देश विकसित हो जायेगा

देश विकसित हो जायेगा

1 min
244



आज सुबह जब मैं 

भ्रमण पर निकला।

घर से मुख्य सड़क पर 

टहलते हुए चला। 

सड़क के एक किनारे

देश की विकास धारा

रेल लाइन , तो दूसरी ओर 

सभ्य लोगों की कॉलोनी व

बड़े बड़े विवाह पैलेस 

शायद उनमें कल रात ही

नव वर-वधू विवाह बंधन 

में बंधे थे। 

सभ्य अतिथियों ने

आनंद के पल, जीवन के

रात में व्यतीत किये थे। 


तभी मुझे वहां पर 

एक षोडशी कन्या 

अपने दस वर्षीय भाई के संग

कचरा बीनते हुए और

रात सभ्य लोगों के अंधेरे में 

मस्ती करते हुए,इधर उधर 

फैंकी बोलते उठाते हुए,

दृष्टिपात हुई। 

मन मेरा व्याकुल होते हुए। 

बालिका से प्रश्न दाग गया। 

" तुम पढते क्यों नहीं?


वह कर्म में लीन बालिका 

झिझकी,मुझे घूरी 

भाई का हाथ पकड़कर बोली

हम पढेंगें तो,

नेताओं की नेतागिरी कैसे चलेगी।

सरकारें किसके लिए 

योजनाएं बनायेंगी।

किसे दारू पिला 

रातों रात अपनी जीत 

पक्की कर लेंगी। 

किसके लिए अन्नपूर्णा

और दुग्ध योजना बनायेंगी। 

किसके लिए आवास 

योजना बना 

उच्चवर्गीय अपनी जेब भरेंगे। 

और हाँ बाबू जी 

जब हम शिक्षित हो जायेंगे 

यह देश विकसित हो जायेगा ।



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