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Raj Kumar Indresh

Inspirational

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Raj Kumar Indresh

Inspirational

जूता

जूता

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तेरा हमसफर, तेरा रक्षक हूँ मैं

हर कदम तेरे साथ रखता हूँ मैं 

तू रहे घर में बाहर तैनात हूँ मैं 

कीचड़, कांटों व ठोकरों से रक्षा करता हूँ मैं।


जितना दे साथ जीवन साथी तेरा 

उतना कर्म अपना निभाता हूँ मैं 

कोई साथ दे न दे,तेरे मरने तक 

धर्म निभाकर तुझ से दोस्ती निभाता हूँ मैं।


नया नया जब आता हूँ मैं 

बहुत स्नेह से पहना जाता हूँ मैं 

जैसे होता पूराना हूँ मैं 

चलते चलते घसीटकर भी पहना जाता हूँ मैं।


चमड़े और कपड़े से बनता हूँ मैं 

सस्ता और महंगा भी हूँ मैं 

अमीर और गरीब की औकात हूँ मैं 

रे मानव तेरा हमराह जूता कहलाता हूँ मैं।


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