देश के वीर सिपाही
देश के वीर सिपाही
वो तपती धूप में बर्फ़ीली हवा में,खुद को बर्दाश्त करते हैं ।
वो सिपाही हैं इस देश के,हम सब की हिफाज़त करते हैं ।।
जिन आपदाओं में हम अक्सर,जगह छोड़ दिया करते हैं ।
वो ख़तरों से खेल के ,हवाओं का रुख मोड़ दिया करते हैं ।।
वो प्यार अपनों से भी ज्यादा, इस वतन को करते हैं ।
अपनों को छोड़कर, वो भारत माँ पर मरते हैं ।।
तुम करो दंगे धर्म जात पे,तुम्हे कुछ नहीं आता ।
वो देश पे कुर्बान होते हैं ,उन्हें धर्मों जात नहीं आता ।।
सियासत के इस खेल में,जवान शहीद हो जाते हैं ।
वो मर्द है बांध कफ़न, मैदाने जंग चले जाते हैं ।।
"स्वरूप" हौसला अफजाई करे ,जो वीर है हिंदुस्तान में ।
ये देश भी झुकता है मेरा ,वीर शहीदों के सम्मान में ।।