सत्य लिखेंगी मेरी कलम
सत्य लिखेंगी मेरी कलम
जब जब होगा जुल्म, तब तब लिखेगी मेरी कलम ।
ना झुकेगी ना ये रुकेगी, सत्य लिखेगी मेरी कलम ।।
मैं इतना बुजदिल भी नहीं ,के आंखे मुंदलु अपनी ।
बेशक करदे सर को कलम,सत्य लिखेगी मेरी कलम।।
ना कोई पार्टी,ना कोई जाति,ना ही कोई धर्म मेरा ।
इंसानियत की बात लिखना,सबसे पहला कर्म मेरा ।।
ऐसी लिखु मै दास्तां,लोग याद करे मुझे जनम जनम ।
बेशक करदे सर को कलम, सत्य लिखेगी मेरी कलम ।।
जमाना बदल रहा हैं ,अब चोरों से आदर सत्कार ।
हैवानों से सदाचार, और महिलाओं से बलात्कार ।।
हृदय चीरती आवाजें,और आंख में आंसू मेरे सनम |
बेशक करदे सर को कलम,सत्य लिखेगी मेरी कलम ।।
हर गली चौराहे नुक्कड़ पर, दरिंदों का इक रूप है ।
जो सच्चाई से अवगत कराये ,यही वो "स्वरूप" हैं ।।
ना हारेगा ना ये डरेगा,तेरे साथ चलेगा कदम कदम ।
बेशक करदे सर को कलम,सत्य लिखेगी मेरी कलम ।।
सत्य लिखेगी मेरी कलम..............