राजस्थान
राजस्थान
जिस धुन पर नाच पड़े वो संगीत की तान हूँ।
कही कही दूर तक दिखता मै लंबा रेगिस्तान हूँ।।
भक्ति की अमर गाथा और विरो की शान हूँ।
ना भूले वो दास्तान हूँ, हाँ मैं राजस्थान हूँ।।
बोली जाती हैं कई, मीठी यहाँ पर वाणी।
दो कोस पे पानी बदले नो कोस पर वाणी।।
मशहूर हैं यहाँ घुड़सवारी ओर तीर अंदाजी।
दुनिया भर मे फैली यहाँ की मेहमान नवाजी।।
अनेक जाति धर्म पर मिलकर रहते सारे संग।
क्यों कि मिट्टी में बसते हैं यहाँ कई सारे रंग।।
देखने को जोश यहाँ हर किसी मे दूना हैं ।
अनेक कलाओं का यहाँ बेजोड़ नमूना हैं।।
मूंछो की मरोड़ सर पर पगड़ी की शान हूँ।
चुंदड़ी में छिपे सुंदर चेहरे की मुस्कान हूँ।।
जिंदगी में बिखरती कही छाव कही धूप हैं।
औरत का श्रृंगार और सुंदर सा "स्वरूप" हैं।।
जो पावणे को मिलता वो मान सम्मान हूँ।
मैं हिस्सा हिंदुस्तान हूँ , हाँ मैं राजस्थान हूँ।।
अजी आओ थे निरखो यो सुंदर म्हारा देश जी ।
मैं हिवड़ा सु करा मनुहार थे पधारो म्हारा देश जी।।