देखो ..बसंत ऋतु आती है
देखो ..बसंत ऋतु आती है
देखो..बसंत ऋतु जब आती है ।
प्रकृति में नव -उमंग,
उन्माद भर , जीवन को आनंदमय कर जाती है।
देखो ....बसंत ऋतु जब आती है ।
हवाएं चलती हैं सुगंध ले कर।
जीवन में खुशबू बिखरती चली जाती है।
देखो .......बसंत ऋतु जब आती है
कितने नए एहसास जगाती है
सृजन की प्रेरणा दे
नित -नूतन संसार सजाती है
हर तरफ फूलों से बगियाँ भर- भर जाती है।
कहीं पीले -कहीं नारंगी।
लाल गुलाब महकाती हैं।
देखो बसंत ऋतु जब आती हैं।
जीवन में उमंग भर जाती है।
नदिया इठला कर चलती है।
दिनों में मस्ती छा जाती है।
मीठी -मीठी धूप में ,
शीतल चांदनी- सी रात झिलमिलाती है ।
आसमां में चहकते हैं पक्षी।
कोयल के साथ मधुर गीत गाती हैं।
देखो बसंत ऋतु जब आती है।
जीवन में उमंग भर जाती हैं।
नई आस- नई प्यास
नए विचार -नए आधार।
बन कर रच जाती है।
नई तरंग से जीवन को,
तरंगित कर जाती है।