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Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract

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Preeti Sharma "ASEEM"

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देखो ..बसंत ऋतु आती है

देखो ..बसंत ऋतु आती है

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देखो..बसंत ऋतु जब आती है ।

प्रकृति में नव -उमंग,

उन्माद भर , जीवन को आनंदमय कर जाती है।


देखो ....बसंत ऋतु जब आती है ।

हवाएं चलती हैं सुगंध ले कर। 

जीवन में खुशबू बिखरती चली जाती है।


देखो .......बसंत ऋतु जब आती है

कितने नए एहसास जगाती है 

सृजन की प्रेरणा दे

नित -नूतन संसार सजाती है

हर तरफ फूलों से बगियाँ भर- भर जाती है।

कहीं पीले -कहीं नारंगी।

लाल गुलाब महकाती हैं।


देखो बसंत ऋतु जब आती हैं।

जीवन में उमंग भर जाती है।

नदिया इठला कर चलती है। 

दिनों में मस्ती छा जाती है।

मीठी -मीठी धूप में ,

शीतल चांदनी- सी रात झिलमिलाती है ।

आसमां में चहकते हैं पक्षी। 

कोयल के साथ मधुर गीत गाती हैं।


देखो बसंत ऋतु जब आती है।

जीवन में उमंग भर जाती हैं।

नई आस- नई प्यास 

नए विचार -नए आधार। 

बन कर रच जाती है।

नई तरंग से जीवन को,

तरंगित कर जाती है।



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