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arun gode

Abstract

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arun gode

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ड्रैगन

ड्रैगन

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मुझे सभी कहते ड्रैगन,

मुझे दिखाना विश्र्वको असली पहचान,

मेरे से बडा नहीं दुनिया में कोई शैतान,

मै ही हूं विश्र्व सर्वशक्तिवान.

मुझ से डरते है सभी पडोसी,

हांगकांग, ताईवान और जापान,

भारत पर करना है मुझे आक्रमन,

अभी मेरे नजर में है डोकलाम और भुटान.

करके अघोषित, आभासी जंग का ऐलान,

अपनी ताकत का दुनिया को देना है प्रमाण,

मेरे सामने विश्र्व की आर्थीक शक्तियां है गौन,

क्योंकि पुरे विश्र्व को बांट चुका मैं लोन.

सभी पडोसीयों को बना दिया है,

कुटनीति से भारत का दुश्मन,

देखते रह जायेंगे भारत के मित्रागण,

अमेरिका,रुस,ब्रिटन और जापान.

देखो कैसे लेता हूं भारत से गलवान,

कोरोना से पीडित है अभी पडोसी दुश्मन ,

यही सही मौका है करने का आक्रमण,

क्योंकि गफलत में है पडोसी दुश्मन.

तोड के सभी व्दिपक्षीय लष्करी अनुबंधन,

क्योंकि विस्तारवाद का करना है अनुपालन,

गफलत में रखकर कब्जाना है गलवान ,

अंदर घूस कर चिन्हित सीमा रेखा के निषान.

गफलत में रखकर वार्ता के दौरान,

करके भारतीय सेना पर आक्रमण,

बीस जवानों की शहादत में चली गई जान,

लेकिन ड्रैगन चढ नहीं पाया घाटी गलवान.

भारतीय सेना के हिम्मत को देशवासीयों का नमन,

अपने बलिदान से सुरक्षित रखा अपना चमन,

भारतीय सेना ने दिखाई अपनी शौर्य की पहचान,

लष्कर, वायु और नैदल की ताकत से किया हैरान.

कुटनीति ,आर्थीक नाकेबंदी का लगा सही निशाना ,

ड्रैगन हुंआ कमजोर ,परेशान और लहुलुहान,

आखिर करना पडा शांती और समझोतों का पालन,

खोके अपनी झूठी शान छोडके घाटी गलवान।


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