शीला गहलावत सीरत
Abstract Romance
हर फन माहिर हो गया, कहते मुझको लोग
सीरत ढंग फकीर का, या इश्कैया रोग
नीयत
ठिठकी सी यादे...
ढंग फकीरी का
फूल और कांटें
आंखों की
बहुत दिनों से...
पैमाइश (रचना)...
पैमाइश
हमसे बेहतर ज़िन्दगी तो कठपुतली ही जी जाती है। हमसे बेहतर ज़िन्दगी तो कठपुतली ही जी जाती है।
पर मेरी जातियों में घुल जाना, फिर मैं खुलकर तुमसे प्यार करूंगी। पर मेरी जातियों में घुल जाना, फिर मैं खुलकर तुमसे प्यार करूंगी।
हां, मैं खुश हूँ सच्ची खुशी को पा गया। हां, मैं खुश हूँ सच्ची खुशी को पा गया।
सभी मनुष्यों से कहना, कि बख्श दो मुझें, मुझें भी हैं चैन से रहना। सभी मनुष्यों से कहना, कि बख्श दो मुझें, मुझें भी हैं चैन से रहना...
शुद्ध आत्मा से ही मिलेगा सच्चा संतोष। शुद्ध आत्मा से ही मिलेगा सच्चा संतोष।
और सर्द रातों का वो वक्त जब उंगलियां घूमना चाहती है और सर्द रातों का वो वक्त जब उंगलियां घूमना चाहती है
माँ ने बच्चे को गोद में लिया छुपा लिया आंचल में पंहुची जैसे ही घर आस-पास के सब लोग माँ ने बच्चे को गोद में लिया छुपा लिया आंचल में पंहुची जैसे ही घर आस-पा...
मैं धरा पर कदम रखकर आकाश का हाथ पकड़ लेना चाहता हूँ मैं धरा पर कदम रखकर आकाश का हाथ पकड़ लेना चाहता हूँ
केवल सुख की राह चुनी तो, आज़ादी खो जाएगी। केवल सुख की राह चुनी तो, आज़ादी खो जाएगी।
अनहोनी को होनी करने के लिए और बिना कुछ कहे दोस्ती निभा जायेंगे। अनहोनी को होनी करने के लिए और बिना कुछ कहे दोस्ती निभा जायेंगे।
कोई काम न नाट के चले संसार में हम सब किसी दिल को न ठेस पहुँचे गलती से भी किसी दिल कोई काम न नाट के चले संसार में हम सब किसी दिल को न ठेस पहुँचे गलती से भी ...
सबक सिखा देंगे हम मिलकर, नेक बनेंगे, एक बनेंगे। सबक सिखा देंगे हम मिलकर, नेक बनेंगे, एक बनेंगे।
अपना कह के गले लगा लो इतना किस्सा मांगू। अपना कह के गले लगा लो इतना किस्सा मांगू।
ऐसे ही तो होता है मानवता का पुनर्जन्म ! ऐसे ही तो होता है मानवता का पुनर्जन्म !
तेरी लीला तू ही जाने, मुझको कुछ भी समझ न आया। तेरी लीला तू ही जाने, मुझको कुछ भी समझ न आया।
बना कर शब्दों का इन्द्रधनुष, आसमां पर छा सकती हूँ। बना कर शब्दों का इन्द्रधनुष, आसमां पर छा सकती हूँ।
सबको खुश करने की यह लड़ाई आज भी मैं रही पराई। सबको खुश करने की यह लड़ाई आज भी मैं रही पराई।
कितने धर्म है अलग अलग कितने नाम है अलग अलग फिर भी माला के मोती हम भारत के वासी कितने धर्म है अलग अलग कितने नाम है अलग अलग फिर भी माला के मोती हम भारत ...
अब कहाँ किसी की सुनती है ये दुनिया। मिटाकर वजूद हरियाली का, दम्भ से है मुस्कुराती। अब कहाँ किसी की सुनती है ये दुनिया। मिटाकर वजूद हरियाली का, दम्भ से...
ईश्वर अल्लाह एक ही जानो, जैसे होते धूप और छाँव । ईश्वर अल्लाह एक ही जानो, जैसे होते धूप और छाँव ।