ढलते लोग देखे हैं
ढलते लोग देखे हैं
हमने घर देखा है घर में रहते लोग देखें हैं
सुकूँ की खातिर पल-पल मरते लोग देखें हैं
तुमने देखा होगा इश्क़ में हँसते चेहरे को
हमने इश्क़ की आग में जलते लोग देखें हैं
नहीं देखा हमने जानेवाले को कभी लौटते हुए
हमने एक शख्स के लिए तड़पते लोग देखें हैं
वक़्त हीं नहीं इक उम्र जाया किया है मैंने
हमने खुद से लड़ते गम में हँसते लोग देखें हैं
दुःख एक जवान आदमी को बूढा बना देता है
हमने उम्र से पहले बहुत पहले ढलते लोग देखे हैं।