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Pradeep Rajput "Charaag"

Abstract

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Pradeep Rajput "Charaag"

Abstract

चराग़- ए - मोहब्बत

चराग़- ए - मोहब्बत

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देर से जागे और सोये रहोगे ,

ये मुहब्बत होगी तो खोये रहोगे।


बात कोई भी उसने तेरी न मानी,

रात दिन पलकें तुम भिगोये रहोगे।


रोज़ बढ़ती जाये तमन्ना मिले वो,

प्यार के सपनों तब सजोंये रहोगे।


तुम तड़प जाओगे बहुत दूरियों में,

खुद कॊ यादों में तुम डुबोये रहोगे।


जब मिलोगे लेकर कई हसरतों को,

गैर बातें उससे  पिरोये रहोगे।


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