चलो थाम लो हाथ मेरा
चलो थाम लो हाथ मेरा
चलो थाम लो हाथ मेरा ले चलूं तुम्हें उस दुनिया में,
जहां जमीन हो मोहब्बत की, जहां आसमान हो इश्क सा, जिसे ओढ़ लेंगे हम चादर की तरह।
फिर एक दूसरे में खुद को ढूंढेंगे, कि जैसे कोई ढूंढता हो तारों को रात में,
मैं खुद को तुम में ढूंढ लूंगा, तुम खुद को मुझमें ढूंढ लेना,
जहां ना हो वक्त हमें रोकने वाला, ना कोई और हो दरमियां हमारे,
तुम मुझ में कहीं खो जाना सदा के लिए, मैं तुम मैं कहीं खो जाऊंगा हमेशा के लिए,
जहां ना हो वजूद हमारा अलग-अलग, एक ही हो हमारी कायनात सारी,
तो फिर चलो थाम लो हाथ मेरा ले चलूं तुम्हें उस दुनिया में।

