STORYMIRROR

Ranjana Kashyap

Romance

3  

Ranjana Kashyap

Romance

चलो मिलते हैं

चलो मिलते हैं

1 min
521


चलो उस जगह पर मिलते हैं

जहां मैं तुम्हें ले जाना चाहता थी

मैं अपने कूची को रंगों में डुबाऊंगी

तुम सराहना करेंगे !


चलो अचानक मिलते हैं

धूप बारिश और बादलों की तरह

आसमान में इंद्रधनुष की तरह

मैं इंद्रधनुष से तुम्हारे सुंदर

रंगों को चुरा ले जाऊंगी

तुम अपने रंगों को बहने देना !


चलो मिलते हैं

जहां हम अहंकार और

स्वाभिमान को एक तरफ रखेंगे

हम प्यारी मुस्कान के साथ प्रशंसा करें !


तुम होंगे, मैं रहूंगी

मुझे वह जगह मिल गई

अगर तुम आना चाहो

तो मैं इंतज़ार करूँगी !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance