ऐ मन
ऐ मन
1 min
419
ऐ मन
कितना सुकून होता
प्यार कभी बारिश के मोतियों
के रूप में तुझे दे पाती।।
मैं एक संपूर्ण बादल बनाती
तुझ पर बरसाती।
मेरे मन
मैं तुम्हें एक संपूर्ण वसंत के
लिए प्रेरित करती।
प्यार को चमकदार कलियों के
रूप में दे पाती।
सब कलियाँ तुझे देती।
बर्फ के बने हीरे तुझे पहनाती
उन हीरों के तूफान को तुझ पर लुटाती।
ऐ मन
काश कभी चाँद सितारे
और सूरज तुझे दे पाती।
तेरी चाहत है कि एक
पूरा ब्रह्मांड पार करने की।
तेरा साहस विफल रहा है
मेरे खूबसूरत पंछी मन
पर मैं कहती हूँ अपने टूटे
हुए टुकड़े इकट्ठा कर... पंख दिए मैंने तुझे मन
आसमान अद्भुत है, जादुई है,
अपनी ताकत और
प्यार को महसूस कर और
उड़ जा ! कहीं दूर
उड़ जा उड़ जा बस तू उड़ जा....