चलो चाँद-तारों को छू लें
चलो चाँद-तारों को छू लें
राह की बाधाओं को भूलें,
चलो चाँद-तारों को छू लें।
जीवन के आसमाँ में,
सपनों की उड़ान भरें।
आंधी, बारिश, तूफाँ से,
हम कभी भी ना डरें।
पढ़ें निरंतर, बढ़ें निरंतर,
अंधेरों से लड़ें निरंतर।
करें जगत में नाम वतन का,
बजायें डंका निज लगन का।
आ साथी ! मिलकर पग धरें,
मनुज हित सच्चा कर्म करें।
