"चित्रकार मज़हर अली खान "
"चित्रकार मज़हर अली खान "
जो कोरे कागज को ना जाने कितने रंग बिरंगे रंगों से भर देता है,
कहते हैं जिसे चित्रकार, जो कहानी कागज़ पे एक नई गढ़ देता है,
कह ना पाए जिन भावों को उनको वह कागज पर बड़ी सादगी से उतारता है,
रंगों को भरता है ऐसे कि जीवंत तस्वीर कर डालता है....!!
हुए ऐसे एक चित्रकार दिल्ली के मुगल काल में जो,
किया कठिन और कठोर मुगल प्रशिक्षण प्राप्त उन्होंने,
नाम उनका मजहर अली खान और चित्रकारी था गुण उनका,
दिया काम मेटकाफ ने स्मारकों, खंडरों, महलों और धार्मिक छवियों की श्रृंखला का....!!
अपने जीवन काल में, सौ से जियादा बनाई तस्वीर उन्होंने,
हुनर बड़ा था उनके अंदर चलाई पेंसिल और चित्रों की कर डाली भरमार उन्होंने,
कला एक वरदान है ऐसा जीवन में जिसके पास में होती ये,
देती मकसद जीवन को और जीवन को जीने और ज़िंदा रहने का हुनर सिखाती है...!