चील और बाज
चील और बाज
अजब 24 सींगों वाली थी वो टीम,
जब नही सूझती थी, कोई थीम,
कभी आंख बंद करके बैठ जाती थी,
बर्फीली गुफाओं में घूम आती थी,
और आंख खुली हो तो---
दिमाग बंद कर आती थी
मानो आई टी सेल,
रोज ही कुछ मनगढ़ंत,
कुछ अजब से विषय,
कहानी लिखने को----
रचनाकारों को सौंप आती थी,
कभी सड़क पार करती बिल्ली,
तो कभी खरगोश,
तो कभी बारहसिंघा,
या जंक खाया पुराना हैंडपंप
कुछ नया होता नही,
प्रश्नपत्र बनाने में,
और उसे जांच आने में,
मजा तो तब है,
जब इन परीक्षकों को,
परीक्षा हॉल में बैठाए----
बेसिर पैर के, बेतुके विषयों पर,
एक प्रश्नपत्र उन्हें सौंप आएं,
विश्वास करो मेरा,
सब फेल होंगे,
तब न इतने अजीब से विषय
न ऐसे खेल होंगे!