STORYMIRROR

MD ASHIQUE

Abstract

2  

MD ASHIQUE

Abstract

छठी मैया

छठी मैया

1 min
122


आह! ये गीत कैसी एक

राहत सुकून असीम गदगद

अबोध विश्रांत रोमांचक। 


मधु उषा की लाली में मन तन कण

स्नान डूब भर कर शीतल करती है

हिम अरुण प्राची किशोर कमल।


हां इसी घाट पर विकल मन

बांध बांध जाती है यह विभोर गीत

कोई खोई गुमनाम अचेतन बाल मन।। 


      


 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract