मधु उषा की लाली में मन तन कण स्नान डूब भर कर शीतल करती है मधु उषा की लाली में मन तन कण स्नान डूब भर कर शीतल करती है
नव उत्सव आयोव मन विभोर भयोव नव उत्सव आयोव मन विभोर भयोव
पीत वसन लहराती वसुधा गौरी उदास। पीत वसन लहराती वसुधा गौरी उदास।
कह रही है यूँ ही आनन्द में डूबे रहोगे या कुछ काम धाम भी करोगे कह रही है यूँ ही आनन्द में डूबे रहोगे या कुछ काम धाम भी करोगे
तुम मेरे दिल में रहते हो तुम्हारा जिक्र भर होने से खुशी से विभोर हो उठता हूँ तुम मेरे दिल में रहते हो तुम्हारा जिक्र भर होने से खुशी से विभोर हो उठता ह...
अंधेरे का अब्र हटा कर करे ख़ुशियों का भोर अंधेरे का अब्र हटा कर करे ख़ुशियों का भोर