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N.ksahu0007 @writer

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माखन चोर नँद किशोर

माखन चोर नँद किशोर

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गोपियों के दिल को चुराने वाला है माखन चोर

यशोदा के नँद लाल जिन्हें कहते नँद किशोर

श्याम तुझमें श्याम मुझ में है कण कण में श्याम

उर में जला के प्रेम दीपक कर गए भाव विभोर

बाके बिहारी कृष्ण कन्हैया नँद लाल का जोर

चारों दिशाओं में गूँज रहा राधे कृष्ण का शोर

बाके बिहारी तुम हो सागर तो हम उसके कोर

झूठ छल कपट लालच कलयुग में है घन घोर

अंधेरे का अब्र हटा कर करे ख़ुशियों का भोर

मस्त मग्न होकर नाचे सावन के महीने में मोर

मिरा सूरदास ने कृष्ण भक्ति से किया अंजोर

हे कान्हा हे मुरली मनोहर यूँ ना हमसे मुख्मोर

सुन लो हमारी हे लीलाधर करो ना दिल कठोर

भोग प्रसाद में बनाया प्रभु आपके मन का ठोर

गीता उपदेश हमें नहीं होने देता कभी कमजोर

प्रेम भक्ति आराधना को करते है दिल में स्टोर

प्रभु के हाथों में है अपना जीवन का बागडोर

मयूर पंख माथे सोहे, मुरली की घुन मधुर

सखियाँ चले यमुना तिरे बांध प्रीत की डोर।


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