छत
छत
अपनों को जोड़कर कई उम्मीदें जगाई थी।
अब उन्हें तोड़कर कौन सी जमीन सजाई है।
कर सके तुझ पर कोई नाज।
क्या ऐसी कोई जमीन बनाई है
कोहरा घना है।
बादल भी नहीं छटा है ।
लेकिन अब भी मतलब की रोटी सिंक रही है।
अब तलक दिल नहीं भरा है
जिस छत की हम बात करते हैं ।
उसकी दीवारें बहुत कमजोर हैं।
रोज ही होता यहां नया शोर है।
छत गर कमजोर हो तो
दीवारें संभाल लेती हैं।
दीवारें कमजोर हो तो
छत कहाँ संभल पाती है।
