छोटी सा जहाँ
छोटी सा जहाँ
कुछ तो आगे बढ़ चुके इश्क़ में
कुछ हम तुम मिलकर साथ चल पढ़ते है
बँधी है जो डोर दिलों में हमारे प्यार का
मर कर भी न टूटे हम -तुम वादा कर लेते है
कुछ भूल जाते है बीती बातें ज़िन्दगी के
कुछ आने वाले दिन को दिल से स्वीकार करते है
रख कर एक दूसरे के कंधे पर सर अपना
कुछ तुम अपना कुछ हम दिल -ए -हाल बयां कर लेते है
ना रहे कोई शिकवा तेरे मन में भी कभी
न कोई गिला इस दिल को तेरे दिल से कभी रहे
सुन लेते है न एक दूजे की धड़कने पास आकर
क्यूँ न एक नये सपने का आगाज़ हम तुम कर लेते है
होगे तुम कभी मायूस तो मैं हंसाऊंगी तुम्हें
जब खुशी महसूस होगी तुम्हें तब तब दिल से मुसकुराऊँगी मैं
इस बड़ी सी दुनिया से दूर एक छोटी सी जहाँ बसाएंगे हम
थाम कर दामन एक दूसरे की अपने इश्क़ की ऐलान कर लेते है....!!

