चेहरे पे रंग ईमानदारी का
चेहरे पे रंग ईमानदारी का
उनके चेहरे पे रंग ईमानदारी का था
जो बेईमानी की मिट्टी से बने हुए थे।
उनके वादे थे कभी साथ ना छोड़ने के
जिनसे अपने माता-पिता छूटे हुए थे।
हम सुनते रहे सच्ची दोस्ती की बातें
शब्द अधजल घघरी से छलके हुए थे।
सबसे बड़ा सच यही था इस संसार का
जान के सच को सच से छिपते हुए थे।