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Priya Tiwari

Abstract Romance Fantasy

4  

Priya Tiwari

Abstract Romance Fantasy

चांदनी रातें

चांदनी रातें

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4

उन सर्द रातों की सिरहन में,

तुम्हारे मुखड़े को रोशनी होती,

तुम होते तो दिन सुनहरे होते,

और हर रात चांदनी होती..!!!


अधर रखो मेरे अधरों पर,

अब इतना भी सवाल ना करो,

बांहों की चादर में सिमट आओ,

रिवाजों का ख्याल ना करो...!!!!


नींद सपने इरादे वादे,

इन सब से दुश्मनी होती,

तुम होते तो दिन सुनहरे होते,

और हर रात चांदनी होती..!!!


मेरी सांसों को तुमने सांस देकर,

मेरे भीतर मन को चूम लिया है,

तुम संग मेरा नाम जुड़ जाने से,

मेरा हर अधूरापन झूम लिया..!!!!!


जब आंखो में जागते एक दूजे के,

हमारी सारी बाते रेशमी होती,

तुम होते तो दिन सुनहरे होते,

और हर रात चांदनी होती..!!!!!



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