वो सुनहरे दिन वो सुनहरे दिन
किताब के उन पन्नों से आज फिर मुलाकात हुई.. किताब के उन पन्नों से आज फिर मुलाकात हुई..
मुझको थोड़ा सा मैं ही रहने दो खुद के लिए ज़रा सा जी लेने दो! मुझको थोड़ा सा मैं ही रहने दो खुद के लिए ज़रा सा जी लेने दो!
कभी आवास की रात में बस ध्रुव तारे की रोशनी जैसी कभी आवास की रात में बस ध्रुव तारे की रोशनी जैसी
ऊपर बैठा वो बाजीगर जाने क्या मन में ठाने है, कभी सुख तो कभी दुख जीवन में आने जाने हैं ऊपर बैठा वो बाजीगर जाने क्या मन में ठाने है, कभी सुख तो कभी दुख जीवन में आने...