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Renuka Chugh Middha

Inspirational

5.0  

Renuka Chugh Middha

Inspirational

चाँद

चाँद

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सुन ना अ चाँद क्यूँ ..इतने पास आकर तू खो गया है ?

क्यूँ हर दिल में उमंग जगा कर ,जाने कहाँ तू खो गया है ? 


ढाँप लिये है ढेरो हमारे सपने तूने, अपने ही आगोश में, 

देख तेरी रूसवाई ऐसी, देश सारा भर गया है जोश में। 


हाँ, सजल हुऐ थे पल भर को नयन हमारे, भावुकता हमारी पहचान है,

“सिवन“ पर है बहुत गर्व हमें, इरादो में हम पक्के फ़ौलादी इन्सान है। 


कर ले चाहे तू कितने भी सितम अ चाँद, देखते हैं तुझको रोज, 

तेरी ही ज़मीं पर, हाँ तेरी ही ज़मीं पर अब तो, हिन्द का ध्वज लहराना है।  


ज़मीं पर तेरी आकर रहेंगे, तुझको तो पाकर ही रहेंगे, 

इसरो को तो चाँद -ए-इश्के जुनून में, अब आगे ही आगे बढ़ते जाना है।  


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