चाँद
चाँद
छिपा हुआ था चाँद
बादलों के उस पार
हमने भी देखा चुपके से
नजरों मे था उसके प्यार।
आगन में चमक रहे थे जूगनू
फूल खुशियों से झुम रहे थे
बहारों मे आयी रंगत प्यार की
अफसाने हवाओं मे घूम रहे थे ।
चमचमाती आकाश की चादर
बाहों मे तुम्हारे सुला रही थी
बंद दरवाजे के पीछे से
दिल को दस्तक दिला रही थी ।
क्या सुकुन था मीठी नींद में
बाहों मे तेरे भर भर के मिला
खुल गयी जब नींद मेरी
फूलों की तरह चेहरा खिला।

