STORYMIRROR

Supriya Devkar

Romance

4  

Supriya Devkar

Romance

चाँद

चाँद

1 min
193

छिपा हुआ था चाँद 

बादलों के उस पार

हमने भी देखा चुपके से

नजरों मे था उसके प्यार।


आगन में चमक रहे थे जूगनू

फूल खुशियों से झुम रहे थे 

बहारों मे आयी रंगत प्यार की 

अफसाने हवाओं मे घूम रहे थे ।


चमचमाती आकाश की चादर 

बाहों मे तुम्हारे सुला रही थी

बंद दरवाजे के पीछे से 

दिल को दस्तक दिला रही थी ।


क्या सुकुन था मीठी नींद में

बाहों मे तेरे भर भर के मिला

खुल गयी जब नींद मेरी

फूलों की तरह चेहरा खिला।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance