चांद तारा
चांद तारा
चांद तारा चांद तारा चांद तारा।
तारा चमकता शाम और रात में
ध्रुव तारा एक ही जगह पर आता सब दिन
सब दिन हम लोग जाते छत पर
छत पर खेल कर आतेे हैं
चंदामामा आता रोज
कभी गोल दिखता कभी आधा होता
कभी नाव जैसा दिखता
चांद तारा चांद तारा चांद तारा।
चांद तारे आते रात में कभी शाम में कभी रात में
जब सुबह होती है तब मैं उठती हूं
जब शाम होता है तारा निकलता है
जब रात होता है चंदामामा आता है
चांद तारा चांद तारा चांद तारा।