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Alok Singh

Romance

3  

Alok Singh

Romance

चाँद बड़ा बातूनी है

चाँद बड़ा बातूनी है

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चाँद बड़ा बातूनी है

तुम्हारी सब चुगली करता है

सब बताता है कि तुम, हाँ तुम

कब आईं, कितनी तुम चाँदनी में नहायी

कब तुमने चाँद से मेरी बाबत पूछा

सब बताया उसने, चाँद बड़ा बातूनी है


उसने बताया मुझे कि 

उस रोज मुझसे रूठकर तुम,

उस दरख़्त के नीचे बैठी थीं

उस चाँदनी रात में 

उसे देखकर कितना रोयीं थी न

चाँद ने सब बताया मुझे,

अच्छा सच बताओ,

उसने मेरे बारे में क्या कहा तुमसे

मुझसे तो चिढ़ा रहता है वो, क्यों

अरे क्योंकि तुम्हारे आगे उसे पूछता कहाँ हूँ

कहा ज़रूर होगा उसने, मुझे पता है

क्योंकि ये मुआ चाँद बड़ा बातूनी है..!



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