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Meenakshi Pathak

Romance Fantasy

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Meenakshi Pathak

Romance Fantasy

चाहत

चाहत

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लिखा तो बहुत सब पर

अब बस तुमको लिखना चाहती हूँ

जो कभी खत्म ना हो

ऐसी अब एक कहानी चाहती हूँ ।


कुछ मीठे से एहसास

तेरा वो साथ

तेरी वो नजरें करम चाहती हूँ

खुदा से अब ये रज़ा चाहती हूँ ।


तुझसे सूरज सा ताप

चाँद सी शीतलता चाहती हूँ

तुझसे फूलों में गुलाब

कुछ कांटों सा हिजाब चाहती हूँ ।


कुछ मीठी सी बातों का हास

कुछ व्यंगों सा परिहास चाहती हूँ

बन जाऊं कुछ पलों को मैं भी बच्ची

बचपन का वो अनुराग चाहती हूँ ।


थोड़ा रूठूँ , थोड़ा रो लूँ

थोड़ा सा हँसता हुआ मनुहार चाहती हूँ

थोड़े शिकवे कुछ शिकायतें

कुछ पक्के से वायदे चाहती हूँ ।


नींद से भरी इन आँखों में

तेरे ही अब सपने चाहती हूँ

मिला के तेरे कदम से कदम

बस तेरे साथ चलना चाहती हूँ ।


कभी जो थक जाऊं हार कर

हाथों में अपने तेरा हाथ चाहती हूँ

पल दो पल की है जिंदगी

मौत भी तेरे साथ चाहती हूँ ।



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