नारी शक्ति ।
नारी शक्ति ।
उनको लगता है मैं कमजोर हूँ
जानते ही नहीं वो
मैं औरत हूँ
उनसे ज्यादा पुरज़ोर हूँ ।
चुप रहती हूँ, सब सहती हूँ
वो कमजोरी नहीं मेरी
वो मेरी ताकत है
मैं लड़ना जानती हूँ
मौन हूँ ताकि तुम्हारा पुरुषार्थ बना रहे
हर इल्जाम खुद सहती हूँ
ताकि तुम्हारा नाम बना रहे
तुम्हारे पीछे रहती हूं
ताकि तुम आगे रहो हर दम
तुम्हारे चर्चे हो तो मैं खुश हो जाती हूँ
बेवजह ही इतरा जाती हूँ ।
तुम्हारे लिए ही करती हूँ पूजा सारी
अपनी सारी उम्र भी तुम पर वारी
घर तुम्हारा, नाम तुम्हारा
बच्चे भी तुम्हारे
और मैं भी तो सिर्फ तुम्हारी
बस कुछ साँसे उधार मांगती हूँ
एक बार मैं भी पंछी बन उड़ जाऊं
खुले आसमान की सैर कर आऊं
लौट कर तुम्हारे आँगन में ही बसेरा करूँगी
सुनो मैं तुम्हारी हिम्मत बनूँगी
बस तुम थाम लेना मुझे उस पल
थोड़ा तुम चलना तो थोड़ा मैं चलूंगी ।