चाहत
चाहत
मेरे साथ जो सपना देखा,
वह किसी और के साथ पूरा करोगी,
अफसोस मत करना इस बात का,
अगर तुम इसी में खुशी रहोगी।
बस एक ही आरजू है मेरी,
मुझे भी वहां आना है,
जब शादी होगी तुम्हारी,
तब तुम्हें मुझे बुलाना है।
बहुत लापरवाह इंसान हूं मैं,
नहीं रख पाता कुछ भी संभाल कर,
पर वादा रहा तुम्हारी शादी की कार्ड को,
हमेशा रखूंगा पॉकेट में डालकर।
मेरी ना हुई,
पर किसी की तो होगी तुम,
दुल्हन बने देखना है तुम्हें,
क्या देखने दोगी तुम।
मुझे वो पूरी रात जागनी है,
जिस दिन तुम्हारे घर पर बारात आएगी,
देखना है तुम रोती हो या नहीं,
जब तुम्हारे गर्दन में मंगलसूत्र डाली जाएगी।
मुझे वो मंजर देखना है,
क्या तुम मांग में सिंदूर डलवा पाओगी,
जब उसके साथ फेरे लोगी तुम,
क्या मुझसे नजरें मिला पाओगी।
मुझे उस अग्नि की जलन महसूस करनी है,
जिसे साक्षी मानकर तुम वचन लोगी,
मुझे देखना है वो पल,
जिस पल किसी गैर का तुम हाथ पकड़ोगी।
मैं उस घड़ी तुम्हें देखना चाहता हूं,
जब किसी और की पत्नी बनकर तुम विदा लोगी,
क्या भाव रहेगा तुम्हारे चेहरे का,
जब आखरी बार तुम मुझे अलविदा कहोगी।
उस रात के बाद,
मैं हर रात खुशी मनाऊँगा,
जब कोई पूछेगा मुझसे कारण,
मेरे महबूब की शादी है यही बताऊंगा।