प्रेम
प्रेम
अब तो बरसात भी आ गई
तुम कब आओगे,
जो मिलने का वादा किया था,
उसे कब निभाओगे।
इतने भी खुदगर्ज मत बनो यार,
थोड़ा हमारा भी ख्याल किया करो,
मिलने के लिए जैसे हम बेताब हैं,
थोड़ा तुम भी बेताब रहा करो।
आंखें बंद होने पर आती हो तुम,
क्यों नींद का इंतजार करती हो,
सपने को छोड़ हकीकत में आओ,
मुझ पागल को क्यों बेकरार करती हो।
क्यों मुझसे रूठी हो,
जरा हमारी खता तो बता दो,
तुम छोड़ो हम ही आते हैं मिलने,
जरा अपना पता तो बता दो।
कॉल मैसेज पर बहुत बातें हो गई,
अब तो मुझे तेरा दीदार करना है,
सामने आओ तो एक बार,
मुझे तुमसे इजहार करना है
विश्वास टूट जाएगा,
जो अगर तुमने मिलने का वादा तोड़ दिया,
इंतजार रहेगा मिलना हो तो आ जाना,
जाओ अब फैसला तुम पे छोड़ दिया।

