STORYMIRROR

Shree Prakash Yadav

Inspirational

4.8  

Shree Prakash Yadav

Inspirational

चाहिए

चाहिए

1 min
448


चलनी को सुई के पेट के,

छिद्रान्वेंषण करना बंद करनी चाहिए।

जिंदगी मिले ना मिले,

शाश्वत मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए।

हम रहें ना रहें ,

राष्ट्र निर्माण की भावना होनी चाहिए।

मंत्री हो या संत्री,

सजा समान होना चाहिए।

विष कहीं भी हो,

जड़ से नष्ट होना चाहिए।

बहुत हो चुका नग्न नृत्य,

अब माकूल जवाब देना चाहिए।

भीतरी हो या बाहरी,

आतताइयों को नष्ट करना चाहिए।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational