बस हौसला बुलंद होना चाहीये
बस हौसला बुलंद होना चाहीये
सच कह नहीं सकते
चुप हम रह नहीं सकते
करे तो करे क्या ?
सच का सूपड़ा साफ
झूँटो का बोलबाला
करे तो करे क्या ?
दो वक्त की रोटी नहीं
हुक्मरान बोले सब कुछ सही
करे तो करे क्या ?
किसान फांसी चढ़े
महंगाई आकाश छुए
करे तो करे क्या ?
खोखले वादे
सिर्फ भाषण सुनो
फिर एक मुझे चुनो।
उनके झंडे
उनके डंडे
शान से लहराओ।
वो कहे तो काटो
वो कहे तो चाटो
धर्म जात मे खुद को बांटो।
जो चाहे करो
कुत्ते की तरह
बेमौत मरो।
कहना हैं बस इतना
अपने लिए ना सही
भविष्य के लिए तो सोचो।
मौका भी है
वक्त भी है
बस हौसला बुलंद होना चाहिये।