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Tanmay Binjrajka

Fantasy Romance

3  

Tanmay Binjrajka

Fantasy Romance

बरसात

बरसात

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इश्क़ की चाहत में वो बरसात में आ गये,

हमने पूछा उनसे, की क्यूँ फिर इस बार आ गये,

यूँ तो रहना था खफ़ा उनसे अब हमें हमेशा,

पर आंसूओं के मरहम को वो हर ज़ख़्म पे लगा गये!

इश्क़ की चाहत में वो बरसात में आ गये!

 

फूल लेके जो आए थे,  वो हर अंग महका गये,

तन्हा अकेली शाम को, रंगीन सा बना गये,

लेकर के तो आए थे आरज़ू,

बस मोहब्बत बयान करने की,

पर भीगे बदन की आगोश में,

हर लकीर मिटा गये,

इश्क़ की चाहत में वो बरसात में आ गये!


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