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Manju Rai

Inspirational

4  

Manju Rai

Inspirational

*बढ़ चल तू सफलता की ओर *

*बढ़ चल तू सफलता की ओर *

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डर ही गिराता ,

डर ही उठाता I 

डर है असफलता ,

का भाग्य विधाता I 


डर है ठोकर ,

डर है मरहम I 

डर है मीत ,

डर है हमदम I 


डर है धूप ,

डर है छाया  I 

डर में सारा,

संसार समाया I 


डर है मौन, 

डर है वाणी I 

डर में है छूपी, 

सफलता की कहानी I 


डर है भय का रूप ,

विकृत औ कुरूप  I 

जीत जो जाते डर से, 

बदल जाता उनका स्वरूप I 


डर है अच्छा ,

डर है सच्चा I 

डर तो है एक, 

छोटा सा बच्चा I 


डर डराये तब तक, 

जब तक मन कमज़ोर I 

खुद पर रख विश्वास, 

आत्मविश्वास को बना ले डोर I 


हर युद्ध तू जीतेगा जब चलेगा तू ,

भय से निर्भय की ओर I 

साहस औ हिम्मत को बना हथियार, 

बढ़ चल तू सफलता की ओर I 

बढ़ चल तू सफलता .........।


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