बरगद की छाँव
बरगद की छाँव
पिता वट वृक्ष के समान होते हैं,
छाया तले जिनकी बच्चे फलते हैं।
बच्चे माँ की कोख से जन्म लेते हैं,
पर नाम और पहचान पिता देते हैं।
थोड़े से सख्त थोड़े नरम होते हैं,
अन्तर्मन में छुपाए कितने मर्म होते हैं।
बच्चों की उम्मीद और आस होते हैं,
संघर्ष में हौसला और विश्वास होते हैं।
अपनी नहीं कोई चाहत इनकी होती है,
बच्चे सुसंस्कृत,सम्पन्न हों कोशिश इनकी होती है।
दौलतमंद होते हैं वो लोग 'कमल'
पिता रूपी जागीर पास जिनके होती है।
