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Harminder Kaur

Inspirational

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Harminder Kaur

Inspirational

बंजारन

बंजारन

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बंजारन हूं आखिर हूं तो इंसान

रंगों और हसीं का हूं जैसे गुलिस्तां 


यूं धूप से किनारा करना फितरत नहीं

चाहे मुश्किलों के कितने भी हों रेगिस्तान


राहें जीवन की चुन लेती हूं अक्सर

लाख दरमियां हो तपती दासतां 


आशियां वहीं जहां मिले सुकून भरा आसमां

फिर चाहे जाना पड़े यहां से वहां


उम्र से क्या लेना देना मेरी दुनियां का

हर रोज़ गुजरते हैं यहां से लाखों कारवां


क्षमता और हिम्मत है जबरदस्त जुनू में मेरे 

फिर चाहे कैसा भी हो जाए समां


तलाश और प्यास की खातिर देखो

ढूंढ ही लेती हूं राहें तमाम ! 


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