बंध कर डायरी मै कैद करना
बंध कर डायरी मै कैद करना
बंध कर डायरी मै कैद करना जिंदगी,
बहुत दर्ज किया डायरी में दुख को तेरे,
एक दफा नजर उठा के देख
कतार लम्बी तेरी फ़रियादों की हैं,
रख दे वो कलम,
एक दफा बाहर निकल।
देख चाँदनी रात और खुले तेरे हाथ हैं,
बंध कर डायरी में कैद करना ज़िन्दगी,
स्याही की तरह फैल जाने दे
एक दफा उसे उसकी तस्वीर बनाने दे।

