बनाए रखें हम हौसला
बनाए रखें हम हौसला
वक्त चाहे जितना मुश्किल होवे जीवन का
या कैसी भी कितनी ही बड़ी हो कोई बला?
धीरज-हिम्मत-नियोजन से निश्चित होवेगी,
हल हर मुश्किल, बनाए रखें हम हौसला।
भयकारी अंधियारी हर रजनी के पीछे,
हर -हाल में ही एक स्वर्ण सवेरा आता है।
भीषण दु:ख हमारी परीक्षा ले सुख देकर,
तिक्त-कटु स्मृतियां दे,फिर जाता है चला।
धीरज-हिम्मत-नियोजन से निश्चित होवेगी,
हल हर मुश्किल, बनाए रखें हम हौसला।
मुश्किल में जब कभी हम घिरते हैं,
अपने और प्रभु ही तब याद आते हैं।
हर जन को देकर के निज स्नेह-प्यार,
अपनाने की सलाह हम सब सीखें कला।
धीरज-हिम्मत-नियोजन से निश्चित होवेगी,
हल हर मुश्किल, बनाए रखें हम हौसला।
अक्सर बाधाएं न कभी भी अकेले आती हैं,
लगता चक्रव्यूह में हैं हम फंस चुके बड़े बुरे।
निज आचरण-व्यवहार, अनुकम्पा प्रभु की,
पतवार रूपी सहायक तो ऐसे में हमें मिला।
धीरज-हिम्मत-नियोजन से निश्चित होंवेगी,
हल हर मुश्किल, बनाए रखें हम हौसला।
सुख-दु:ख अनुकूल-प्रतिकूल हालातों में,
सम-भाव रखें, न इतराएं और न घबराएं।
हर वक्त ही गुजर जाता है इस दुनिया में,
हर हाल में सर्वश्रेष्ठ करने की सीखें कला।
धीरज-हिम्मत-नियोजन से निश्चित होवेगी,
हल हर मुश्किल, बनाए रखें हम हौसला।
हल हर मुश्किल, बनाए रखें हम हौसला।
अक्सर बाधाएं न कभी भी अकेले आती हैं,
लगता चक्रव्यूह में हैं हम फंस चुके बड़े बुरे।
निज आचरण-व्यवहार, अनुकम्पा प्रभु की,
पतवार रूपी सहायक तो ऐसे में हमें मिला।
धीरज-हिम्मत-नियोजन से निश्चित होवेगी,
हल हर मुश्किल, बनाए रखें हम हौसला।
सुख-दु:ख अनुकूल-प्रतिकूल हालातों में,
सम-भाव रखें, न इतराएं न ही घबराएं।
हर वक्त ही गुजर जाता है इस दुनिया में,
हर हाल में सर्वश्रेष्ठ करने की सीखें कला।
धीरज-हिम्मत-नियोजन से निश्चित होवेगी,
हल हर मुश्किल, बनाए रखें हम हौसला।