STORYMIRROR

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

3  

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

बलिदानी बातों को लेकर

बलिदानी बातों को लेकर

1 min
230

मैं अमर काव्य लिखता रहूंगा,

भाव भक्ति का श्रंगार करता रहूंगा,

भावनाओं का होकर प्रहरी,

प्रभावों को रोकता रहूंगा।

स्वर्णक्षरों से रंग भरता रहूंगा,

स्वजनों में ढंग ढूंढता रहूंगा।

बलिदानी बातों को लेकर,

काव्य सृजन करता रहूंगा।

भाव जीवित रहें प्रभाव में,

काव्य रचित होते रहे संभाव में,

स्याह होते जज्बातों की आभा,

लहू से लथपथ वीरों की गाथा,

खून बलिदानी वीरों का लेकर,

मैं अमरकाव्य लिखता रहूंगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational