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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

बजरंगबली की स्तुति

बजरंगबली की स्तुति

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बजरंगबली तेरे बिन अधूरा मेरा जीवन

तुझ से ही चल रहा मेरी साँसों का चमन

जैसे बिन पानी के मछली मर जाती है,

वैसे ही जल रही तेरे बिन मेरी चिलमन


जब भी उदास होता, तेरे दर आ जाता,

तुझसे ही मिलता प्रभु, मुझे नव जीवन

बजरंगबली तेरे बिन अधूरा मेरा जीवन

तुझसे ही महका जिंदगी का गुलबदन


तू ही प्रभु मेरी जिंदगी का मालिक है,

मैं तेरा दास, बालाजी आप हो मेरा मन

जैसे सावन से हरियाली छा जाती है

वैसे तेरे दीदार से मुझमे खुशी आ जाती है


प्रभु तू मेरे इस हृदय का अनोखा दर्पण

मैं स्वामी फिर कोई वन-वन क्यों भटकूँ ?

जबकि तू इस हृदय में ही करता विचरण

बजरंगबली तुझ बिन अधूरा मेरा जीवन


तू ही है, प्रभु मेरी सांसों का अनमोल धन

कोई जग में हीरा मांगे, कोई मांगे सोना

मैं मांगू तेरे हृदय में एक छोटा सा कोना

प्रभु तू ही है, एकमात्र मेरा अनमोल रत्न


बजरंबली तेरे बिन अधूरा मेरा जीवन।


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