बिटिया
बिटिया
अश्कों को मोती
बनाती है बेटी,
ज़ख्मों पर मरहम
लगाती है बेटी।
जब जीने की कोई
वजह ही ना बची हो,
तब मौत को भी
जिंदगी बनाती है बेटी।
सच्ची खुशी का
एहसास है बेटी,
सारी दुनिया से
ख़ास होती है बेटी।
एक पल को भी उसे
भुला नहीं पाता,
क्योंकि दिल के
आस-पास है मेरी बेटी।
सूरज और चाँद सितारा
है मेरी बिटिया,
बुढ़ापा का सहारा और लाठी
है मेरी बिटिया।।