बिटिया नहीं है बेचारी
बिटिया नहीं है बेचारी
बिटिया नहीं है बेचारी,
बल्कि यह है सबला नारी,
अबला कहकर उसे मत दबाओ,
मान-सम्मान से उसे देखो,संभालो
बिटिया छम-छम करती जब घर में घूमती,
घर में खुशी का माहौल नाद कराती ,
उसे समाज से लड़ने के लिए तैयार कराओ,
अबला कहकर उसका अपमान मत करो ।
आज सबला बनेगी तो दोनों परिवार की रखेगी लाज,
बुढ़ापे में मां बाप, सांस ससूरजी का करेगी काज,
पढ़ाओ, लिखाओ, आत्म निर्भर बनाओ,
बिचारी कहकर उसे गाली मत दो ।
अच्छे संस्कारों का करो उसमें सिंचन,
बेटी को कैसे आगे बढाये करो इसका चिंतन,
बेटे जैसी बेटी का पालन करो,
बेटी को बेचारी कहकर दबाने का प्रयास ना करो ।
सबके साथ,सबका विश्वास के साथ,
बिटीयां को दो अपनों का साथ,
हमारे देश के उद्धार में बिटीयां है आगे,
उनका पैर खिंचकर ले मत जाओ पीछे ।
बिटिया को अपनाओ,ना इसे ठूकराओ,
समाज में सिर ऊंचा कर जीना सिखलाओ,
भविष्य का उजियारा है बिटीया,
सुरज का तेज, चमकदार सितारा है बिटिया ।